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आज हम इसरो के संचार उपग्रह
जीसैट -30 का सफल प्रक्षेपण बारेमे बात करेंगे । इसरो के संचार उपग्रह जीसैट -30 के सफल प्रक्षेपण से इंटरनेट की गति बढ़ेगी और यह भारत की
दूरसंचार सेवाओं को सर्वश्रेष्ठ बनाने में मदद करेगा । तो आइये जानते
विस्तार से जीसैट -30 का सफल प्रक्षेपण बारेमे ।

जीसैट -30 का सफल प्रक्षेपण कब और कौनसी जगहसे किया गया
- इसरो का संचार उपग्रह जीसैट -30 17 जनवरी 2020 शुक्रवार सुबह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया ।
- जीसैट -30 उपग्रह दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर काऊरो में अरोरा प्रक्षेपण परिसर से प्रक्षेपित हुआ।
- एरियन -5 रॉकेट द्वारा भेजा गया था।
- जीसैट -30 का वजन 3 हजार 357 किलोग्राम है।
- जीसैट -30 जीसैट देश में संचार प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करेगा ।
- यह एरियनस्पेस के एरियन रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया भारत का 24 वां उपग्रह है।
- एरियन स्पेस यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) की एक वाणिज्यिक शाखा है और भारत की एक पुरानी भागीदार है।
- इसकी मदद से, कई भारतीय उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा गया है।

जीसैट -30 इनसेट -4 ए की जगह लेगा :-
- जीसैट -30 जीसैट श्रृंखला का एक बहुत शक्तिशाली उपग्रह है।
- इसरो के अनुसार, यह उपग्रह इनसेट -4 ए की जगह लेगा ।
- इसमें उपग्रह इनसेट -4 ए से कवरेज क्षमता अधिक होगी ।
जीसैट -30 उपग्रह किस सेवाओं के लिए किया जाएगा उपयोग :-
- जीसैट -30 के संचार पेलोड को विशेष रूप से इस अंतरिक्ष यान में अधिक ट्रांसपोंडर को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- जीसैट -30 उपग्रह भारतीय मुख्य भूमि और केव बैंड, खाड़ी देशों को सी बैंड, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और ऑस्ट्रेलिया को कवरेज प्रदान करता है ।
- जीसैट -30 उपग्रह का व्यापक रूप से वीसैट नेटवर्क, टेलीविजन अपलिंकिंग, टेलीपोर्ट सेवाओं, डिजिटल उपग्रह सूचना भंडारण (डीएसएनजी), डीटीएच टेलीविजन सेवाओं, आदि के लिए उपयोग किया जाएगा ।
- जीसैट -30 उपग्रह, 30 वर्षों के मिशन समय के साथ, डीटीएस, टेलीविजन अपलिंक और वीसैट सेवाओं के लिए एक परिचालन संचार उपग्रह है।
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